5 SIMPLE STATEMENTS ABOUT SIDH KUNJIKA EXPLAINED

5 Simple Statements About sidh kunjika Explained

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सां सीं सूं सप्तशती देव्या मन्त्रसिद्धिं कुरुष्व मे ॥ १३ ॥

धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।

Kunjika Strotam includes immense electrical power, and it might entirely alter the lifetime of one who chants it with complete devotion.

ऐङ्कारी सृष्टिरूपायै ह्रीङ्कारी प्रतिपालिका ।

शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम् ।

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

श्री सरस्वती अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

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श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।

पाठ मात्रेण संसिद्धयेत् कुंजिका स्तोत्रमुत्तमम्।।

इसके प्रभाव से जातक उच्चाटन, वशीकरण,  मारण, मोहन, स्तम्भन जैसी सिद्धि पाने में सफल होता है.

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